17 जुलाई को भारत की प्रमुख पेंट कंपनी एशियन पेंट्स ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा की। कंपनी ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए 1170 करोड़ रुपये का consolidated net profit दर्ज किया, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 1550 करोड़ रुपये के लाभ से 25% कम है। यह गिरावट उम्मीद से कहीं ज़्यादा थी। इसके बावजूद, 16 जुलाई को एशियन पेंट्स के शेयरों में 0.61% की मामूली बढ़त देखी गई, जो बीएसई पर 2974.40 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार पूंजीकरण अब 2.85 लाख करोड़ रुपये है।
उम्मीद से कमजोर नतीजे
आपकी जानकारी के लिए बता दे एशियन पेंट्स ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में उसका रेवेन्यू 2% से अधिक घटकर 8970 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले यह 9154 करोड़ रुपये था। पहली तिमाही की ये आय बाजार की उम्मीदों से कम रही। दोस्तों ब्रोकरेज फर्मों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में इस तिमाही के लिए शुद्ध लाभ में 7.6% की गिरावट के साथ 1432 करोड़ रुपये औररेवेन्यू में 9236 करोड़ रुपये की स्थिरता का अनुमान लगाया गया था।
कमजोर प्रदर्शन के पीछे कारण
चुनौतीपूर्ण मांग के माहौल ने एशियन पेंट्स के मुनाफे को काफी प्रभावित किया। जून तिमाही में गिरावट विश्लेषकों के पूर्वानुमानों से कहीं ज़्यादा खराब थी। एशियन पेंट्स के Managing Director और CEO अमित सिंगला ने बताया, “इस तिमाही में पेंट उद्योग के लिए मांग की स्थिति अत्यधिक गर्मी और आम चुनावों के कारण कठिन थी।” हालांकि, कंपनी भविष्य की मांग को लेकर आशावादी है। सिंगला ने कहा, “निकट भविष्य में, हम ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर रुझानों और मानसून गतिविधि में धीरे-धीरे वृद्धि के कारण मांग में सुधार की उम्मीद करते हैं।”
वित्तीय स्थिति
कंपनी का मूल्यह्रास, ब्याज, कर और सहयोगी कंपनियों के शेयरों से पहले का लाभ (पीबीडीआईटी) 2121.3 करोड़ रुपये से 20% गिरकर 1693.8 करोड़ रुपये रह गया। शुद्ध बिक्री के प्रतिशत के रूप में पीबीडीआईटी मार्जिन में भी गिरावट आई, जो पिछले साल की समान अवधि के 23.2% से घटकर 18.9% रह गया।
International and Home Decor Business
एशियन पेंट्स को अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार की बिक्री में 2.3% की गिरावट का सामना करना पड़ा, जो 695.1 करोड़ रुपये से घटकर 679.1 करोड़ रुपये रह गई। इसका कारण आर्थिक अनिश्चितता, विदेशी मुद्रा संबंधी मुद्दे और एशिया तथा मिस्र जैसे प्रमुख बाजारों में नकदी की समस्या थी। सकारात्मक बात यह रही कि कंपनी के होम डेकोर सेगमेंट में वृद्धि देखी गई, जिसमें बाथ फिटिंग और किचन कारोबार में बिक्री में वृद्धि हुई।